A post about 4 years of engineering college life by Amol Gawade :
आखों मैं सपने और दिल मैं अरमान लिए
निकल पड़े एक नये सफ़र पे
बिना किसीका साथ लिए ,
नये नये से आये थे
हम सारे अनजाने
खुलकर मिलने में भी
तब सकुचाते थे ,
नाम पूछते , बतलाते थे
फिर थोडा मुस्काते थे ,
नाजूक से मन में
अपना भाव जगाते थे ॥
निकल पड़े एक नये सफ़र पे
बिना किसीका साथ लिए ,
नये नये से आये थे
हम सारे अनजाने
खुलकर मिलने में भी
तब सकुचाते थे ,
नाम पूछते , बतलाते थे
फिर थोडा मुस्काते थे ,
नाजूक से मन में
अपना भाव जगाते थे ॥
धिरे - धिरे एक दुसरे में घुलते गये
ना जाने कब अच्छे दोस्त बन गये ,
एक - दुसरे से साथ जीने - मरने
का वादा करते गये
उम्र भर के लिए एक नया
रिश्ता जोडते गये ॥
ना जाने कब अच्छे दोस्त बन गये ,
एक - दुसरे से साथ जीने - मरने
का वादा करते गये
उम्र भर के लिए एक नया
रिश्ता जोडते गये ॥
कॉलेज आने का मन नहीं
फिर भी कॉलेज आया करते थे ,
हर असाइनमेंट को छाप - छाप कर
अपना ग्यान बढाया करते थे ,
इंजिनिअरिंग करते करते
कुछ आये ना आये
पर बखुबी नकल करना
सिख रहे थे ,
मास बंक , प्रॉक्सी के जरिये
कॉलेज ना आने पर भी प्रेसेंट हुआ करते थे ॥
फिर भी कॉलेज आया करते थे ,
हर असाइनमेंट को छाप - छाप कर
अपना ग्यान बढाया करते थे ,
इंजिनिअरिंग करते करते
कुछ आये ना आये
पर बखुबी नकल करना
सिख रहे थे ,
मास बंक , प्रॉक्सी के जरिये
कॉलेज ना आने पर भी प्रेसेंट हुआ करते थे ॥
बड़ा तंग किया टिचर्स को
फाईल्स पूरी की आखिरी रात को ,
खूब टांग खिची ,
परेशान किया दोस्तों को ,
दो मिनिट में आया कहकर
वेट करवाया रास्तों पर ॥
फाईल्स पूरी की आखिरी रात को ,
खूब टांग खिची ,
परेशान किया दोस्तों को ,
दो मिनिट में आया कहकर
वेट करवाया रास्तों पर ॥
लेक्चरर्स बोर करते थे
पर दोस्तों के साथ वो भी
पलक झपकते पुरे हो जाया करते थे ,
अपने यारों के दिल की बाते
बिना कहे जानने लगे ,
जिंदगी के लम्हों को
एक यादगार किताब बनाते गए ॥
पर दोस्तों के साथ वो भी
पलक झपकते पुरे हो जाया करते थे ,
अपने यारों के दिल की बाते
बिना कहे जानने लगे ,
जिंदगी के लम्हों को
एक यादगार किताब बनाते गए ॥
इग्जाम समय आने पर
खुद को रात-रात जगाया करते थे ,
कितने भी क्लासेस किए हो ,
कितनी भी बुक्स पढ़ी हो ,
कुछ समज न आने पर
' मुझे पढ़ा दे ' का नारा भी
शान से लगाया करते थे ,
आखिरी वक्त दोस्तों के साथ
पढ़ने की बात ही अलग थी
इग्जाम कैसे भी जाये
दोस्त हमेशा साथ हुआ करते थे ॥
खुद को रात-रात जगाया करते थे ,
कितने भी क्लासेस किए हो ,
कितनी भी बुक्स पढ़ी हो ,
कुछ समज न आने पर
' मुझे पढ़ा दे ' का नारा भी
शान से लगाया करते थे ,
आखिरी वक्त दोस्तों के साथ
पढ़ने की बात ही अलग थी
इग्जाम कैसे भी जाये
दोस्त हमेशा साथ हुआ करते थे ॥
शुरूवात में रिझल्ट को देखकर
कुछ रोते तो
कुछ मुस्कुराया करते थे ,
धिरे-धिरे इग्जाम देने से भी
कभी डरा नही करते थे ॥
कुछ रोते तो
कुछ मुस्कुराया करते थे ,
धिरे-धिरे इग्जाम देने से भी
कभी डरा नही करते थे ॥
टिचर्स डे , टाय डे , ट्रेडिशनल डे
बड़े धूमधाम से बनाए ,
कॉलेज फेस्टिवल , स्पोस्टर्स भी
उत्साह से सजाए ,
खुशी - गम में एक - दुसरे का
साथ निभाते गए
जिंदगी का हर एक पल
सुहाना बनाते गए ॥
बड़े धूमधाम से बनाए ,
कॉलेज फेस्टिवल , स्पोस्टर्स भी
उत्साह से सजाए ,
खुशी - गम में एक - दुसरे का
साथ निभाते गए
जिंदगी का हर एक पल
सुहाना बनाते गए ॥
इग्जाम खतम होने से पहले ही
छुट्टीयों की योजना शुरू करते थे ,
हर छुट्टी में एक नयी जगह
धमाल किया करते थे ,
कितने भी दूर हो एक दुसरे से ,
कितने भी हो टेंशन में ,
आधी रात को
यारों को सताया करते थे ॥
छुट्टीयों की योजना शुरू करते थे ,
हर छुट्टी में एक नयी जगह
धमाल किया करते थे ,
कितने भी दूर हो एक दुसरे से ,
कितने भी हो टेंशन में ,
आधी रात को
यारों को सताया करते थे ॥
कुछ दिन फायनल सेम के बाद
हर कोई अपने रास्ते निकल जाए�गा ,
ये जिंदगी का एक अनजाना सफर
चूप के से हमसे दूर चला जाएगा ॥
अजीब थे ये लम्हें
जिन्होंने हमें हसाया भी
और रूलाया भी ,
अजिब थे ये लम्हें
जिनमें कुछ पाया भी
और कुछ खोया भी ,
ये मौज मस्ती भरे जिंदगी के पल
वापस लौट ना आयेंगे ,
चार बरस जिंदगी के
सबसे यादगार कहलाएंगे ॥
हर कोई अपने रास्ते निकल जाए�गा ,
ये जिंदगी का एक अनजाना सफर
चूप के से हमसे दूर चला जाएगा ॥
अजीब थे ये लम्हें
जिन्होंने हमें हसाया भी
और रूलाया भी ,
अजिब थे ये लम्हें
जिनमें कुछ पाया भी
और कुछ खोया भी ,
ये मौज मस्ती भरे जिंदगी के पल
वापस लौट ना आयेंगे ,
चार बरस जिंदगी के
सबसे यादगार कहलाएंगे ॥
दिल में बहुत सारी यादें होगी
फिर हर एक आँख नम होगी ,
कभी ना अकेले रहने वाले दोस्त
अब यादों के सहारे जिएगें
मिलते रहने का वादा करके
एक दुसरे का हौसला बढाएगें ,
वापस जब कभी भी ये कॉलेज के
दिन याद आएगें ,
तो आँखों में हसी और आँसू
एक साथ आएगें ॥
फिर हर एक आँख नम होगी ,
कभी ना अकेले रहने वाले दोस्त
अब यादों के सहारे जिएगें
मिलते रहने का वादा करके
एक दुसरे का हौसला बढाएगें ,
वापस जब कभी भी ये कॉलेज के
दिन याद आएगें ,
तो आँखों में हसी और आँसू
एक साथ आएगें ॥
ReplyDeleteThanks for sharing information continue blog, any student want one year Distance Education MBA